30 अप्रैल तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में सूचना
व प्रसारण मंत्रालय की अनुमति से चल रहे 885 चैनलों में से
269 पे-टीवी चैनल हैं। प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल
राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में कहा, “इस समय 885
सैटेलाइट टीवी चैनलों को अपलिंकिंग व डाउनलिंकिंग
दिशानिर्देशों के तहत प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति दी गई
है।” उन्होंने कहा, “इनमें से 269 चैनलों को ब्रॉडकास्टरों
द्वारा भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को पे-
चैनलों के रूप में सूचित किया गया है। राठौड़ ने कहा कि प्रसार
भारती का फ्री-टू-एयर (एफटीए) डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच)
प्लेटफॉर्म फ्रीडिश 80 चैनलों को कैरी कर रहा है। 12वीं
पंचवर्षीय योजना की समाप्ति तक फ्रीडिश पर 250 चैनलों
को कैरी करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती ने
सूचित किया है कि ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के 23
एफटीए चैनल फ्रीडिश पर हैं। इस सरकारी ब्रॉडकास्टर ने 16
और फ्री-टू-एयर चैनल डीटीएच प्लेटफॉर्म पर शुरू करने का
प्रस्ताव रखा है। एक अन्य सवाल के जवाब में, राठौड़ ने देश
में टीवी चैनलों की संख्या की सीमा निर्धारित करने की
संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि 2011 में प्रसारण
मंत्रालय ने ट्राई की 22 जुलाई 2010 की सिफारिशों को
स्वीकार किया है कि सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग चैनलों की संख्या
पर भारत में देखने के लिए डाउनलिंक किए जाने या भारत से
अपलिंक किए जाने पर कोई सीमा नहीं रखी जानी चाहिए।
राठौर ने कहा कि प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई की इस सिफारिश
को भी स्वीकार किया है कि न्यूज़ के साथ ही गैर-न्यूज़ टीवी
चैनलों को संचालित करने के लिए इच्छुक आवेदक कंपनियों के
लिए एक उच्च निवल मूल्य मानदंड रखा जाए। ट्राई ने ऐसे
प्रसारणकर्ता कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के लिए अनुभव
खंड की सिफारिश की है। अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग
दिशानिर्देशों में संशोधन अन्य मंत्रालयों/विभागों से परामर्श के
बाद कैबिनेट के अनुमोदन से किया गया है।